घर की चौखट में खेलूँ , प्रतिदिन मैं होली I
प्रातः काल में मैं सजाऊँ आँगन मे रांगोली I
रंगोली सजाते देख मुझे , मेरी सखियाँ बोली ,
आने वाला है क्या सैय्याँ लेने तेरी डोली ?
मैं बोली न न जी न, रंगोली है मेरी सहेली ,
यह तोह लक्ष्मी जी की छवि है, नहीं है कोई पहेली I
लक्ष्मी है यह, शुभ गुण है यह, प्रतीक है यह शगुन का I
इसके कण कण में है अन्न छोटे जीव जन्तुओं का I
स्वागत करे यह सुख समृद्धि का , अपनी भुजाएं फैलाये
अपनी चक्रव्यू भाँती छवि में यह दुर्गुणों को भटकाए,
दमन करे दुःख के मेघों का और न आने दे घर के भीतर
सुरक्षा करे यह हमारे आलय की सुरक्षा कवच बनकर I
रंगबिरंगी इसकी काया को देख नैन सबके मुस्काए ,
सुख - समृद्धि के सागर को यह घर के भीतर लाये
रंगोली है मात्री रूपेण और है कल्याणकारी
शक्ति है यह, सुख का चिह्न है यह और है मंगलकारी I
Friday, August 7, 2009
rangoli - मेरी सहेली
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment